कितना विपति भरा पल था,जब राम वन गमन चले गये। सीता मां संग लखन लाल भी अवधपुरी तज चले गये।। ऐसा लगता था अवधपुरी निष्प्रभ निष्प्राण हुई जग में। जग की सब दारुण व्यथा यही,विपदा आयी लेकर संग में।। जन-जन के मन में व्यथा यही,अब यही अवध वह नहीं रही। जहां राम ...